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Need Vihin (Hardback)

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Need Viheen (Upnyaas) INR 160.00

Book summary

प्रस्तुत उपन्यास भारतीय नारियों की वास्तविक छवि को उजागर करता है। आधुनिक युग में नारी अपने अधिकारों के प्रति जागृत हुई है। पुस्तक में नायक का जीवन विशेष स्टडीस की वस्तु है। जैसे पहाड़ी नदी की लक्ष्य-प्राप्ति में असंखय बाधाएँ, कठिनाइयाँ उसका मार्ग अवरूध करती हैं। किन्तु सतत्‌ प्रयासरत रहने से वह अंततः अपने ध्येय को प्राप्त कर लेती है। वैसे ही इन्सान को अपने जीवन में पग-पग पर आने वाली उलझनों व अभावों के समाधान हेतु संघर्ष करना पड़ता है। अतृप्त आकांक्षाएँ, अवैध-सम्बन्ध, ईर्ष्या-द्वेष, प्रतिशोध और जलन जैसी अनेकानेक कुत्सित भावनाओं का आँख-मिचौली का खेल मन-हृदय में निरंतर चलता रहता है। इन्हीं के आधार पर ही जीवन का लक्ष्य-भेदन निर्धारित होता है। जीवन की अज्ञात डगर पर अपने पराए और पराए अपने हो जाते हैं।

Book Details

नीड़ विहीन

Author
Yashapal Sharma
KKBN #
4000-AA-A033
Year
2012
Language
Hindi
Binding
Hardcover
Pages, Ills etc.
136pp
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Written/Edited by 'Yashapal Sharma'
Written in Language 'Hindi'
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Publishing Year is '2012'

Need Vihin (Hardback) Book Review

Need Vihan (Hardback)

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Book summary

प्रस्तुत उपन्यास भारतीय नारियों की वास्तविक छवि को उजागर करता है। आधुनिक युग में नारी अपने अधिकारों के प्रति जागृत हुई है। पुस्तक में नायक का जीवन विशेष स्टडीस की वस्तु है। जैसे पहाड़ी नदी की लक्ष्य-प्राप्ति में असंखय बाधाएँ, कठिनाइयाँ उसका मार्ग अवरूध करती हैं। किन्तु सतत्‌ प्रयासरत रहने से वह अंततः अपने ध्येय को प्राप्त कर लेती है। वैसे ही इन्सान को अपने जीवन में पग-पग पर आने वाली उलझनों व अभावों के समाधान हेतु संघर्ष करना पड़ता है। अतृप्त आकांक्षाएँ, अवैध-सम्बन्ध, ईर्ष्या-द्वेष, प्रतिशोध और जलन जैसी अनेकानेक कुत्सित भावनाओं का आँख-मिचौली का खेल मन-हृदय में निरंतर चलता रहता है। इन्हीं के आधार पर ही जीवन का लक्ष्य-भेदन निर्धारित होता है। जीवन की अज्ञात डगर पर अपने पराए और पराए अपने हो जाते हैं।

Book Details

Need Vihan (Hardback)

Author
Yashpal Sharma
KKBN #
2009-AA-C856
Year
2012
Language
English
Binding
Hardcover
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