Shrey Marg Ke Pathik Pandit Bhimasen Vidyalankar INR 200.00
Book summary
प्रस्तुत पुस्तक पं. भीमसेन विद्यालंकार जी की हस्तलिखित डायरियों के आधार पर उनकी जीवन-कथा है। पंडित भीमसेन विद्यालंकारजी एक लेखक, निर्भीक पत्रकार, स्वतन्त्र विचारक तथ देश की स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए चलाए गए राष्ट्रीय आन्दोलन के सेनानी तथा उसमें भाग लेने वाले ध्येयनिष्ठ एंव कर्मठ व्यक्ति थे। इन्होंने अध्यापन, लेखन तथा पत्रकारिता द्वारा राष्ट्रीयता का प्रचार किया। लाला लाजपतराय द्वारा स्थापित नेशनल कालेज में भाईपरमान्दजी के आग्रह पर अध्यापन कार्य किया। वहां सरदार भगतसिंह, सुखदेव, भगवतीचरण वर्मा, यशपाल आदि इनके छात्र रहे। पराधाीनता ' युग में भीमसेनजी ने देश की जनता में सोए हुए स्वाभिमान को जागृत करने के उदेश्य से उच्च कोटी के ऐतिहासिक महत्व के ग्रन्थ-वीर मराठे, वीर शिवाजी, महाभारत के वीर आदि लिखे। यह जीवनी रोचक एवं प्रेरणादायक है।